कोरोना संकट के बीच, छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान एक महत्वपूर्ण विवाद हुआ। सांसद धरमलाल कौशिक ने प्रश्न काल के दौरान शिक्षा विभाग द्वारा बिना टेंडर के सीधे खरीदी किए जाने का मुद्दा उठाया।
इस मामले में शिक्षा मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल ने स्वीकृति दी कि पांच जिलों में नियमों के अनुसार कोरोना काल में खरीदी की गई थी। जाँच के बाद, उन्होंने सूरजपुर, मुंगेली, बस्तर, और बीजापुर जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की।
धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया था। 50 करोड़ रुपए की खरीदी नियमों के खिलाफ की गई थी, और उन्होंने विधानसभा समिति से जांच कराए जाने की मांग की।
उत्तर में, शिक्षा मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल ने स्वीकार किया कि कोरोना काल में कलेक्टर की अनुमति से यह खरीदी की गई थी, जिसकी कुल मात्रा लगभग 36 करोड़ रुपए थी। उन्होंने यह भी माना कि इसमें भंडारण क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया था, जिससे एक जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया है। बचे हुए चार जिलों के लिए जांच जारी है, जहां शिक्षा अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
सूरजपुर जिले में 11 करोड़ 36 लाख की खरीदी हुई। मुंगेली जिले में 99 लाख 95 हजार की खरीदी हुई। बस्तर जिले में 20 करोड़ 47 लाख की खरीदी हुई। और बीजापुर में 53 लाख से अधिक। कोंडागांव में 3 करोड़ से अधिक की खरीदी हुई।