नए साल में मोदी सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन की घोषणा की है। मीडिया के अनुसार, मंगलवार को मंत्रालय ने बताया कि महिलाओं के लिए पेंशन से जुड़ी एक नई सुविधा लागू की जा रही है। अब, जब किसी महिला कर्मचारी ने अपने पति के खिलाफ कोई कानूनी मामला दर्ज किया हो या उनकी शादी विवादित हो, उस स्थिति में महिला कर्मचारी अपनी पेंशन के नॉमिनी के रूप में अपने बच्चों का नाम जोड़ सकेगी। यह फैसला मंत्रालय के अनुसार प्रगतिशील है और इससे महिलाओं को सशक्त बनाने और सहारा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
पूर्व नियमों के तहत, महिला कर्मचारियों को पहले अपने पति को ही नॉमिनेट करने की अनुमति थी। सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद, स्पाउज (पति/पत्नी) को ही सबसे पहले परिवारिक पेंशन मिलता था। इसके बाद ही बच्चों को फैमिली पेंशन मिलता था। लेकिन नए बदलाव के बाद, अब केंद्र ने यह सुनिश्चित किया है कि यह सुविधा महिला कर्मचारियों को भी उपलब्ध हो।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अनुसार, सीसीएस (पेंशन) रुल्स, 2021 के नियम 50 के (8) और सब-रुल (9) के मुताबिक, यदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी परिवार में है, तो पहले पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन मिलेगी। मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी पारिवारिक पेंशन के लिए अपात होते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है तब ही बच्चे एवं परिवार के अन्य सदस्य पारिवारिक पेंशन के लिए हकदार होते हैं।
इसके अलावा, सरकार के ऐलान के बाद यह सुनिश्चित हो गया है कि अगर किसी महिला का पति जीवित है और उनका एक ही बच्चा है, तो उस बच्चे को भी प्राथमिकता मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे महिलाओं को अधिक आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें अधिक समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस बदलाव से पहले, महिला कर्मचारियों के द्वारा पेंशन के लिए बच्चों को नॉम