चंद्रयान-3 के उतरने पर देशभर में उत्साह और जश्न का माहौल रहा। यह ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि दक्षिणी ध्रुव चंद्रमा की सतह पर भारत ने पहले कभी पहुंचाव बनाया। इससे भारत ने अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ, और चीन के बाद सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में भी अपनी जगह बनाई।
आगे की योजनाओं के साथ, भारत ने अंतरिक्ष में अपनी यात्रा को जारी रखा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद, देश ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 को भेजा। 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर होने वाली एक महत्वपूर्ण परीक्षण उड़ान को सफलता से पूरा किया गया।