कोरिया। CGPSC, प्रज्ञा सिंह, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के चैनपुर की निवासी, प्राथमिक शाला डंगौरा में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता सेवानिवृत प्रधानपाठक हैं। एक प्राथमिक शिक्षिका से लेकर सिविल जज बनने तक का सफर है उनका, जिसने साबित किया कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
छतीसगढ़ लोक सेवा आयोग के आए परिणाम में सिविल जज के लिए प्रज्ञा सिंह का चयन हुआ है, जो एक महत्वपूर्ण पहल है उनके उद्दीपन और संघर्ष की। उनकी इस कड़ी मेहनत और समर्पण से हमें एक उत्साहजनक सीख मिलती है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करना महत्वपूर्ण है।
CGPSC: प्रज्ञा सिंह का सफल सफर – प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका से लेकर सिविल जज तक
प्रज्ञा सिंह की कहानी ने साबित किया है कि कठिनाईयों के बावजूद, कोशिशों और संघर्ष के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। सिविल जज के पद के लिए चयन होने पर प्रज्ञा ने न केवल अपने परिवार को बल्कि स्कूल के माहौल को भी खुशी से भर दिया है।
उनके चयन के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी स्कूल पहुंचकर उन्हें बधाई देने और शुभकामनाएं देने के लिए आए। स्कूल में उनके साथी शिक्षक और छात्रों में भी खुशी का माहौल है, लेकिन साथ ही उन्हें स्कूल छोड़ने का भी दुख है। प्रज्ञा ने बताया कि इस स्कूल में उन्हें काफी अपनापन मिला है और इस मुकाम को हासिल करने में सभी का सहयोग है।
उनका सफल सफर एक प्रेरणास्रोत है जो हमें यह सिखाता है कि संघर्ष और मेहनत से ही असली कामयाबी हासिल की जा सकती है।